विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति गोरखपुर
गोरखपुर । देश के 15 लाख बिजली कर्मियों के साथ गोरखपुर के बिजली अधिकारियों/कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में एवं अन्य विभागीय समस्याओं के समाधान हेतु एक दिवसीय सांकेतिक कार्य बहिष्कार करते हुए मुख्य अभियंता कार्यालय मोहददीपुर पर विरोध प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंजीनियर अजय कुमार एवं संचालन इं दीपक गुप्ता ने किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश द्वारा इस आशय का नोटिस केंद्रीय विद्युत मंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार को पूर्व में ही प्रेषित कर दिया है।
संयुक्त संघर्ष समिति गोरखपुर के *संरक्षक इं अजय कुमार* द्वारा बताया गया कि निजीकरण का प्रयोग उड़ीसा, ग्रेटर नोएडा और आगरा में बुरी तरह विफल हो चुका है फिर भी केंद्र सरकार ने बिजली के निजीकरण हेतु इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेट) बिल 2020 एवं स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट जारी किया है जिससे देशभर के बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है। केंद्र सरकार के निर्देश पर केंद्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़ और पांडिचेरी में बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है जिसके विरोध में उत्तर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंताओं ने देश के 15 लाख बिजली कर्मियों के साथ एक दिवसीय सांकेतिक कार्य बहिष्कार किया। उन्होंने बताया कि बिजली कर्मचारी किसान आंदोलन को नैतिक समर्थन प्रदान कर रहे हैं जिनकी मांगों में इलेक्ट्रिसिटी(अमेंडमेंट) बिल 2020 की वापसी प्रमुख है।
संयोजक ऐश्वर्य सिंह ने कहा कि इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि निजी क्षेत्र की अपेक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के अधिक आर्थिक, सामाजिक लाभ हैं। फिर भी यदि सरकार निजी कंपनियों को इस क्षेत्र में लाना ही चाहती है तो सर्वप्रथम उन्हें अपना आधारभूत ढांचा खड़ा करना होगा, और फिर वह कम्पनियां आकर हमारे साथ प्रतिस्पर्धा करें, हम किसी भी कीमत पर जनता के करों से बने हुए ढांचे को औने पौने दाम पर इन कंपनियों के हवाले नहीं होने देंगे।
कृष्णमोहन यादव ने कहा कि यह सरकार बहुत ही गंदी नीति पर कार्य करती है, किसी भी संस्था को बेचने से पहले सर्वप्रथम उसे बदनाम करती है, फिर जनता के बीच दुष्प्रचार करके उसे बेचने का कार्य करती है। निजीकरण के पश्चात् कंपनियों की विशुद्ध परिसंपत्ति का प्रयोग सार्वजनिक कार्यों और जनसामान्य के लिये नहीं किया जा सकेगा।
*इं विजय कुमार यादव* ने कहा कि प्रदेश में लगभग 3 करोड़ उपभोक्ता है उनके सापेक्ष कार्मिक केवल 35 हजार यानि की 1000 उपभोक्ता पर 1.16 कार्मिक हैं, जबकि मानक 1000 उपभोक्ता पर 2.65 कार्मिक हैं। रिक्त पदों पर मानकों के सापेक्ष भर्ती की जाये, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके।
*चंद्रभूषण उपाध्याय* ने कहा कि जिस 7हजार करोड़ के घाटे को पूरा करने के लिए 20 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को तोड़कर विभिन्न भागों में बांटा गया, आज वह घाटा 95000 करोड़ हो चुका है, अर्थात सरकार की यह नीति पूरी तरह फेल हो चुकी है, अतः वितरण कंपनियों को संगठित कर पुनः स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड का गठन किया जाना उचित होगा।
*उर्जा कर्मियों की प्रमुख मांगे निम्नलिखित हैं...*
*- इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 एवं विद्युत वितरण के निजीकरण हेतु लाये जा रहे स्टैन्डर्ड बिडिंग डोक्युमेंट को निरस्त किया जाए। निजीकरण की केन्द्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़ व पुडुचेरी व किसी भी प्रान्त में चल रही प्रक्रिया वापस ली जाए।*
*- ग्रेटर नोएडा का निजीकरण व आगरा का फ्रेन्चाइजी करार रद्द किया जाए।*
*- सभी ऊर्जा निगमों को एकीकृत कर उत्पादन,पारेषण व वितरण को एक साथ रखते हुए केरल के केएसईबी लि व हिमाचल प्रदेश के एचपीएसईबी लि की तरह उप्र में भी उत्पादन, पारेषण एवं वितरण को संगठित कर यू.पी. स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड गठित किया जाए।*
*- सभी बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना वर्ष 2000 से लागू की जाए।*
*- नियमित पदों पर नियमित भर्ती की जाए, सभी रिक्त पदों विशेषतया क्लास 3 व क्लास 4 के सभी रिक्त पद भरे जाएं एवं संविदा/निविदा कर्मचारियों को तेलंगाना की तरह नियमित किया जाए।*
*सभी संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए व सभी संवर्गों को तीन पदोन्नत पदों का समयबद्ध वेतनमान दिया जाए।*
आज के सांकेतिक विरोध प्रदर्शन को *बहुजन समाज पार्टी के महानगर अध्यक्ष मार्कंडेय सिंह, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रदेश सचिव कुसुम पांडे, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष रूपेश श्रीवास्तव, उद्योग विभाग के अरुण द्विवेदी, सिंचाई विभाग के दिनेश कुमार तथा लोक निर्माण विभाग के अनूप कुमार* ने पहुंचकर समर्थन देते हुए कहा की विद्युत कर्मियों की इस लड़ाई में हमारा संगठन एवं पार्टी पूर्ण सहयोग एवं समर्थन प्रदान करेगी।
विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम को करुणेश त्रिपाठी, विजय कुमार यादव, नरसिंह मौर्य, शशि कपूर, दिशा छात्र संगठन के विकास कुमार, सी पी एफ ट्रस्टी सी बी उपाध्याय, महेंद्रनाथ भारती, इस्माइल खान इत्यादि लोगों ने संबोधित किया तथा पुनीत निगम,अखिलेश गुप्ता, संदीप श्रीवास्तव, राम किशन, राम जनक सिंह, हवलदार रावत, सोमदत्त शर्मा, अरुण गुप्ता, अमन तिवारी, चंदन दुबे, दिलीप गुप्ता, प्रभुनाथ प्रसाद, पंकज गुप्ता समेत सैकड़ों कर्मचारी अधिकारी उपस्थित रहे।