गोरखपुर के युवा पर्वतारोही नीतीश सिंह 26 जनवरी 2021 को आफ्रीका महादीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर भारत का गौरव तिरंगा फहरा कर आए हैं इस अभियान में नीतीश ने किन्नर समुदाय का भी संदेश दिया है।। इसलिए आज वैष्णवी लान गोलघर गोरखपुर में किन्नर समाज की तरफ से किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर किरन नन्द गिरी द्वारा पर्वतारोही नीतीश सिंह को बधाई व शुभकामनाओं के साथ साथ उनको आज सम्मानित भी किया गया है।।
उक्त अवसर पर किन्नर अखाड़ा के महामंडलेश्वर किरण नंद गिरी जी का कहना है कि पर्वतारोही नीतीश सिंह ने गोरखपुर के साथ साथ पूरे प्रदेश व देश का मान-सम्मान बढ़ाने का कार्य किया है।।नीतीश गोरखपुर उत्तर प्रदेश एवं भारत के पहले ऐसे पर्वतारोही हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर से किन्नर समुदाय का संदेश दिया है।।
एक ही मां बाप के द्वारा पैदा हुए बच्चे कुछ असमानता होने के कारण उन्हें किन्नर कहा जाता है एवं अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है।।समाज के लोगों के द्वारा भेदभाव किया जाता है।। जिस तरह हर व्यक्ति का खून लाल है उसी तरह हमारा भी खून लाल है फिर यह भेदभाव क्यों?
इस भेदभाव ने किन्नर समाज को समाज से बहुत दूर कर दिया है समाज को इस मानसिकता को बदलना पड़ेगा,अन्य समाज की तरह ही समाज का किन्नर समुदाय भी अंग है।।मैंने पर्वतारोही नीतीश की मदद की और आज वो पूरे प्रदेश व देश को गौरवान्वित किया।।
उक्त अवसर पर पर्वतारोही नीतीश का कहना है कि जब मै इस अभियान के लिए जाने वाला था तब समाज के किसी व्यक्ति ने सहयोग नहीं किया ना ही किसी सरकार और प्रशासन की तरफ से कुछ मदद मिला, तब हमारी मुलाकात हमारे दोस्तों ने किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर किरण नंद गिरी जी से मुलाकात कराई, किरन दीदी को जैसे ही मेरे बारे में पता चला उन्होंने तुरंत अधिक से अधिक मदद करने का आश्वासन दिया एवं उन्होंने सहयोग भी किया। जिसके लिए मैं जीवन भर उनका आभारी रहूंगा ।मैंने अभी तक जितनी भी चढ़ाई की है हर पहाड़ से समाज के हित में एक संदेश दिया है इस अभियान में समाज के तीसरे समुदाय के किन्नर समाज के लिए माउंट किलिमंजारो से संदेश दिया है किन्नर समाज से भेदभाव असमानता नहीं रखना चाहिए वह भी हमारे ही समाज के अंग हैं उनसे भेदभाव खत्म करके उनका भी सम्मान करना चाहिए।
उक्त अवसर पर शुभम शुक्ला,भाजपा नेता हरिकेश राम त्रिपाठी,नैना सिंह,विजय खेमका,नेहा मणि,पुनीत पांडेय,प्रशांत जयसवाल,सक्षम वर्मा आदि उपस्थित रहे।।