मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मेयर डॉ सत्या पाण्डेय, एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में गोरखनाथ संस्कृत विद्यापीठ के प्राचार्य डॉ दिग्विजय शुक्ल, पूर्व प्राचार्य रामधार पांडे जी बाबा शक्ति नाथजी, आचार्य शरदचंद्र मिश्र जी, संस्था के अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल जी को विद्वानों द्वारा माल्यार्पण किया गया। सर्वप्रथम आचार्य अनिल मिश्र, आचार्य गणेश पाण्डेय, एवं आचार्य कृष्ण कांत तिवारी जी द्वारा मंगलाचरण किया गया।
स्वागत उद्बोधन में आचार्य धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी जी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्वत महासभा द्वारा व्रत, पर्व सूचि पत्र का लोकार्पण विगत सन् 1973 से ब्रह्मलीन पं मेघराज मिश्र जी द्वारा किया जाता रहा है, परन्तु अब उनके न रहने पर उनके बड़े पुत्र पं देवेन्द्र प्रताप मिश्र जी द्वारा निरन्तर विद्वानों को जोड़कर संस्था को पूर्वांचल में अपनी एक नई दिशा देने का कार्य कर रहे हैं। और समय समय पर विद्वानों को सम्मानित भी करते रहते हैं।
डॉ सत्या पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्ष में पड़ने वाले पर्व तिथियों की भ्रान्ति के निराकरण हेतु अखिल भारतीय विद्वत महासभा के विद्वानों द्वारा सर्व सम्मति से निरन्तर प्रकाशित किया जाता रहा है, जो कि समाज के लिए एक सराहनीय कार्य है।
इसी क्रम में संस्था के संचालक एवं कोषाध्यक्ष पं देवेन्द्र प्रताप मिश्र ने कहा कि हिन्दू धर्म में व्रत, पर्व मानव जीवन के अंग है, ब्रह्मलीन पं मेघराज मिश्र द्वारा बनाई गई विद्वानों की यह संस्था अपने कर्तव्यों के साथ साथ समाज का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करती है। यह सूची पत्र निश्चित रूप से जनमानस का सहयोग करेगी। डॉ दिग्विजय शुक्ल जी ने कहा कि इस भागदौड़ की जिंदगी में लोकहित का कार्य करना ही सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है।