पूर्णिमामावस्ये पूर्व विद्या गाह्य,- ब्रह्मपुराण का वाक्य है।वट सावित्री व्रत दिनांक ९/६/२०२१ दिन बुधवार को,,, करना श्रेयस्कर अखिल भारतीय विद्वत् महासभा। ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि घटी २०/१३ तक चतुर्दशी तिथि दिन में १/१९ तक इस के बाद अमावस्या तिथि लग जा रही है जो सूर्यास्त काल से पूर्व मुहूर्त से भी अधिक मिल रही है, अतः इस व्रत अमावस्या सूर्यास्त काल से पूर्व तीन मुहूर्त व्यापनी चतुर्दशीयुक्त अमावस्या गाह्य है।
यह जानकारी गोरखनाथ संस्कृत विद्यापीठ के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ दिग्विजय शुक्ल, डॉ राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल बाबा शक्ति नाथ, आचार्य धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी,,पं देवेन्द्र प्रताप मिश्र, आचार्य शरदचंद्र मिश्र, अखिल भारतीय विद्वत् महासभा गोरखपुर के मार्गदर्शन पर लिखी गई है।