गोरखपुर । ऋषि सेवा समिति गोरखपुर के तत्वाधान में चल रही संगीत में कथा के सप्तम दिवस पूज्य राघव ऋषि ने दिव्य कथा क्रम में रसपान कराया जो कि स्थानीय भगत चौराहा देवकी लान में राम कथा के माध्यम से पूज्य श्री राघव ऋषि ने दिव्य रहस्य उद्घाटित करते हुए बताया कि अधिष्ठात्री भगवती महालक्ष्मी इस संपूर्ण जगत की जिनके द्वारा हर एक जीव चलाएं मान है इनकी कृपा के बिना संसार के सभी कार्य संपादित कर पाना संभव नहीं है भगवती की आराधना सर्वागीण सुख को प्रदान करने वाली इनकी आराधना कर मनुष्य लोक व परलोक दोनों को सजा सवार सकता है।
कथा के विविध संगो प्रश्नों की विशाल व्याख्या करते हुए पूज्यश्री ने बताया कि भरत जी ने अपने मन की वेदना मत आओ समेत गुरुदेव को बताइए सुनाई जिन्हें राज्य की ना तो कोई लालसा है ना चलता है एकमात्र उन्हें अपने भैया के दर्शन की अभिलाषा है जिससे मन की ग्लानी नष्ट हो जाए ऐसा जान सभी ने एक स्वर में निर्णय लिया कि वन में ही राम जी से मिलने चले जिससे उनका दर्शन व मन की स्थिरता मिल सके भगवान से सभी के साथ भरत जी का दिव्य मिलन हुआ जैसे प्यासे को अथाह जल की प्राप्ति हो गई हो ।भरत मिलाप की दिव्य झांकी व भक्तों श्रद्धालुओं ने दिव्य पूर्ण लाभ लिया। भगवान ने अपनी चरण पादुकाओं का सम्बल भरत जी को देकर विदा किया "राम भक्त ले चला रे राम निशानी"
सौरभ ने मोहक भजन सुनाकर भक्तों को भावविभोर किया एवं भावपूर्ण आरती संपन्न की। समिति के समस्त पदाधिकारी सदस्य - रमेश सिंह जी, गौरीशंकर गुप्ता , प्रवीण शास्त्री ,रुद्र त्रिपाठी, सतीश सिंह, पंडित विनोद कुमार शुक्ला, रमाशंकर त्रिपाठी, मुन्नालाल जी , बी एन द्विवेदी, बनवारीलाल निगम ,मंजू सिंह ,नीलम शुक्ला, निर्मला दुबे , विमला निगम, शकुंतला वर्मा, रेखा सिंह ,राजू सिंह, राजू तिवारी, संतोष ,विनय पांडे, रमेश राज एवं भगत चौराहा नगर के वासी एवं बहुत से साधक गण एवं पदाधिकारी की गौरवमई उपस्थिति मैं समिति के समस्त पदाधिकारियों व साधक व श्रद्धालुओं ने भव्य आरती कोरोना काल का पालन करते हुए संपन्न की।