इसलिए याद रखे... यदी सुखी होना चाहते है तो सभी के सुख की कामना करें। जब सब सुखी होंगे, तो आप कैसे दुखी हो सकते हो ? बाहर से आने वाली सुख की बयार आपको सुख से भर देगी, और आपके भीतर दूसरों को सुखी करने की सक्रिय भावना आपके पास दुख को भटकने तक नहीं देगी।
जीवन में सच्ची प्रसन्नता का सूत्र है यह। और आप अपने-परायोंके बीच सुख को निरपेक्ष भाव से बांट सकेंगे। जय श्री राम।
आचार्य आकाश तिवारी।*
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