*आज षटतिला एकादशी व्रत‼️*
*तिलस्नायी तिलोद्वर्ती तिलहोमी तिलोदकी।*
*तिलभुक् तिलदाता षट्ततिलाःपापनाशना:।।*
षट्तिला एकादशी के दिन तिल का व्यवहार 6 प्रकार से किया जाता है, इसलिए इसका नाम षट्तिला एकादशी पड़ा है।
*१- तिलमिश्रित जल से स्नान।*
*२- पिसे हुए तिल का उबटन लगाना।*
*३- तिल से हवन।*
*४- तिल मिले जल का पान करना।*
*५- तिल का भोजन में प्रयोग करना।*
*६- तिल का दान करना।*
इस दिन काले तिल तथा काले गाय के दान का विशेष महत्व है।
आज के दिन प्रात: जलाशय या गंगा में स्नान कर श्रीकृष्ण नाम का 8, 28, 108 या 1008 बार जप करना चाहिए। रात्रिजागरण एवं तिल का हवन करना चाहिए। भगवान का पूजन करने के पश्चात् निम्न मंत्र से अर्घ्य देना चाहिए-
*सुब्रह्मण्य नमस्तेऽस्तु महापुरुषपूर्वज।*
*गृहाणार्घ्यं मया दत्तं लक्ष्मया सह जगत्पते।।*
भगवान को भोग में तिल का नैवेद्य रखना चाहिए तथा ब्राह्मण भोजन सामग्री मे भी तिल का प्रयोग करना चाहिए। यह व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है। इस व्रत को एक ब्राह्मणी ने किया था जिसके प्रभाव से उसे सब कुछ प्राप्त हुआ था।
*जय श्री कृष्ण। आचार्य आकाश तिवारी*
*संपर्क सूत्र 9651465038*