जानिए : सावन में अभिषेक और उससे मिलने वाले फायदे
गोरखपुर । भगवान शिव को अभिषेक बहुत ही प्रिय है। सनातन धर्म में भगवान शिव का अभिषेक अलग-अलग वस्तुओं से किया जाता है। ऐसे में आइये अब हम आपको उन वस्तुओं और उनसे भगवान शिव का अभिषेक करने से मिलने वाले फल की जानकारी दे देते हैं।
दूध : वैसे जातक जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, उन्हें सावन महीने में सोमवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक गाय के दूध से करना चाहिए।
दही : भगवान शिव का अभिषेक यदि दही से किया जाये तो कार्य में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। इसके अलावा दही के अभिषेक से जातकों के जीवन में परिपक्वता की कमी भी दूर होती है।
शहद : भगवान शिव का अभिषेक यदि कोई जातक शहद से करता है तो ऐसे जातकों का समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। साथ ही वाणी दोष खत्म होता है और स्वभाव में विनम्रता आती है। ऐसे जातक बुरे कर्म छोड़ कर सत्कर्म करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
इत्र : ऐसे जातक जो मानसिक तनाव से परेशान रहते हैं, नींद की समस्या रहती है और जीवन में शांति चाहते हैं, उन्हें भगवान शिव का अभिषेक इत्र से करना चाहिए।
घी : भगवान शिव का अभिषेक यदि घी से किया जाये तो भगवान शिव की कृपा से ऐसे जातकों का स्वास्थ्य अच्छा होता है। यदि कोई जातक लंबे समय से किसी रोग से पीड़ित है तो उसे भगवान शिव का अभिषेक घी से जरूर करना चाहिए।
गंगाजल : यदि कोई जातक भगवान शिव का अभिषेक गंगाजल से करता है तो ऐसा जातक मृत्यु के बाद जीवन और मरण के चक्र से छोटा जाता है। ऐसे जातक का घर सुख और समृद्धि से भर जाता है।
पंचामृत : यदि कोई जातक भगवान शिव का अभिषेक पंचामृत से करता है तो ऐसे जातक की सारी मनोकामना भगवान शिव पूरी करते हैं।
गन्ने का रस : यदि कोई जातक भगवान शिव का अभिषेक गन्ने के रस से करता है तो उस जातक को आर्थिक समस्या से छुटकारा मिलता है।
शुद्ध जल : यदि कोई जातक शुद्ध जल से भगवान शिव का अभिषेक करता है तो उसे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही उसे ज्वार संबंधी समस्याओं से भी निजात मिलता है।
सरसों का तेल : किसी भी जातक को भगवान शिव का सरसों के तेल से अभिषेक हमेशा स्वयं की कुंडली किसी विद्वान ज्योतिषी से जंचवाने के बाद ही करना चाहिए अन्यथा नकारात्मक फल प्राप्त होते हैं। भगवान शिव का सरसों तेल से अभिषेक करने से दुश्मनों का नाश होता है और पराक्रम में वृद्धि होती है।पं देवेन्द्र प्रताप मिश्र अखिल भारतीय विद्वत महासभा गोरखपुर