गोरखपुर,उत्तर प्रदेश-लंबे इंतज़ार के बाद 10 फरवरी से हज आवेदन की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इच्छुक लोग हज कमेटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 10 मार्च निर्धारित है। मुबारक सफर पर जाने वाले लोगों में खुशी का माहौल है। शहर के कई साइबर कैफे वालों ने हज आवेदन के लिए पोस्टर भी लगा दिया हैं।
पिछली बार गोरखपुर से 144 लोग मुकद्दस हज के सफर पर गए थे। जिसमें 65 महिलाएं व 79 पुरुष शामिल थे। उम्र की बंदिश खत्म हाेने और बिना पुरुष के महिला के हज पर जाने की अनुमति मिलने पर हज यात्रियाें की तादाद में बढ़ाेतरी हाे सकती है।
मुबारक सफर पर जाने के लिए उम्र की बंदिश काे खत्म कर दिया गया है। यानी 65 साल से ऊपर के लाेग भी हज पर जा सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 10 मार्च।
2022 में 65 साल से ऊपर वालाें काे हज पर जाने के लिए सऊदी सरकार ने राेक लगा दी थी। 70 साल से ऊपर और दिव्यांग अगर हज पर जाना चाहते हैं तब उन्हें एक अटेंडेंट साथ में रखना हाेगा।
अटेंडेंट का खर्च भी उन्हें उठाना हाेगा। बुज़ुर्ग,दिव्यांग और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी,45 साल से ज़्यादा उम्र की कोई भी महिला अब अकेले हज के लिए आवेदन कर सकेंगी। इससे पहले बग़ैर महरम वाली चार महिलाओं के साथ जाने का नियम बनाया गया था जबकि इस बार सरकार ने उस नियम को समाप्त कर दिया है।
वहीं नई हज पॉलिसी के मुताबिक़ इस साल हज पर जाने वालो लोग निशुल्क आवेदन कर सकते हैं। यानी आवेदन के लिए किसी तरह की कोई फीस नहीं देनी होगी। हज यात्री निशुल्क आवेदन दे सकते हैं।
इस बार तक़रीबन 50 हज़ार फी हाजी छूट भी दी जाएगी। एक कवर में चार व्यस्क और दाे बच्चे शामिल हाे सकते हैं पर एक ही परिवार का हाेना चाहिए। इसके अलावा हाजियों को बैग,सूटकेस और चादर जैसे ज़रूरी सामान के लिए अब रक़म नहीं देनी होगी।
आवेदन के लिए यह ज़रूरी है कि पासपोर्ट की समय सीमा 31 दिसंबर तक होनी चाहिए, इससे कम वक़्त के पासपोर्ट पर हज आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा, इसके अलावा वैक्सीनेशन को भी ज़रूरी किया गया है। हज पर जाने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जांच सिर्फ सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर ही होगी,प्राइवेट हॉस्पिटल की जांच मान्य नहीं होगी।
हज पर जाने वाले लोगों के लिए 25 एमबार्गेशन पॉइंट बनाए जाएंगे। ये लोगों की मर्ज़ी होगी कि वो किस एमबार्गेशन पॉइंट से जाएं।
हज का मुबारक सफर 30 से 40 दिनों का हाेगा, पहले 44 दिनों का होता था। इस बार भी केवल अजीजिया कटेगरी रहेगी। ग्रीन कटेगरी काे इस बार भी खत्म कर दिया गया है।
चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर के इमाम हाफिज महमूद रज़ा कादरी ने बताया कि मुकद्दस हज के लिए आवेदन प्रकिया शुरु होने से खुशी है। हर मुसलमान की यह ख्वाहिश होती है कि वह मुकद्दस हज यात्रा पर जाए।
हज करते हुए अल्लाह के घर यानी खाना-ए-काबा और पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के रौजा-ए-मुबारक की जियारत करे। यही दुआ है कि अल्लाह सभी हज यात्रियों का सफर आसान फरमाकर हज कबूल फरमाए।
हज दीन-ए-इस्लाम का आखिरी फरीजा है। जिसे अल्लाह ने सन् 9 हिजरी में फ़र्ज़ फरमाया। जो मालदारों पर फ़र्ज़ है और वह भी ज़िंदगी में सिर्फ एक बार।
रिपोर्टर-सेराज अहमद क़ुरैशी-गोरखपुर