कप्तानगंज/बस्ती-कप्तानगंज ब्लॉक के कौड़ीकोल गाँव में बृहस्पतिवार को मनरेगा घोटाले की जांच करने टीम पहुँची।चार घण्टे तक टीम ने गांव में हुए कार्यो की जांच किया।जांच के दौरान टीम को कई अनियमितता मिली हैं।जांच टीम ने बताया कि जांच रिपोर्ट डीएम को भेजा जायेगा।
कप्तानगंज ब्लॉक के कौड़ीकोल गांव के रहने वाले घूरे ने 24 सितंबर वर्ष 2020 को डीएम और सीडीओ और पीएमओ कार्यालय में शिकायती पत्र देकर गांव में तैनात ग्राम विकास अधिकारी अखिलेश कुमार शुक्ल और तत्कालीन प्रधान परमीला वर्मा की मिलीभगत से विकास कार्यो में फर्जीवाड़ा करके सरकारी धन का बंदरबांट।
मनरेगा में फर्जी जॉब कार्ड बनवाकर गांव के कुछ विशेष लोगों के खाते में मनरेगा का पैसा भेजना।
शौचालय और तालाब खुदाई के नाम पर बिना काम कराये ही पैसा निकालने सहित कई गम्भीर आरोप लगाया था।
बृहस्पतिवार को जिला मत्स्य अधिकारी संदीप वर्मा और लोक निर्माण विभाग के जेई हरीश त्रिपाठी पहुँचे और ग्रामीणों की मौजूदगी में बिन्दुवार शिकायतों की जांच किया।
जांच टीम ने मनरेगा के तहत रैजल और रमवापुर कला में स्थित तालाब की खुदाई और सड़क और पौधरोपण,नाली खड़ंजा सहित कई बिंदुओं की जांच किया।जांच अधिकारी लोक निर्माण विभाग के जेई हरीश त्रिपाठी ने बताया कि शिकायत सही पाया गया है।
मामला तीन साल पुराना होने के कारण जांच में कुछ दिक्कत आ रही हैं।जांच पूरा होने के बाद रिपोर्ट भेजा जायेगा।
इसके पहले भी मामले की जांच तत्कालीन सीडीओ सरनीत कौर बोक्रा ने मामले को गम्भीरता से लेते जांच का आदेश दिया था।
23 नवंबर वर्ष 2020 को जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ विवेक और लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता छितिज पांडेय को गांव में पहुँचे ।
वहां पर मनरेगा द्वारा हुए कार्यो की पांच बिंदुओं पर जांच किया।जांच के दौरान मनरेगा की तकरीबन 300 मीटर एमबी फर्जी पाया था साथ ही साथ दो तालाब की खुदाई दूसरी ग्राम पंचायत में पायी गयी थी ।
शिकायतकर्ता घूरे से जब संवाददाता ने बात किया तो उन्होंने बताया कि शिकायती पत्र में मैंने जिन बिन्दुओं का उल्लेख किया है तत्समय का आडियो व वीडियो साक्ष्य मौजूद है जरूरत पड़ने पर प्रस्तुत करूँगा वैसे तत्समय तैनात ग्राम विकास अधिकारी अखिलेश कुमार शुक्ल अति भ्रष्टाचारी है,जनपद के एक माननीय के संरक्षण के चलते जनपद के उसके ऊपर कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं ।
ग्राम विकास अधिकारी अखिलेश कुमार शुक्ल द्वारा पड़ोस की ग्राम पंचायत परसपुरा,नेवादा व बरहटा में भी व्यापक पैमाने पर गोलमाल किया गया है ।
समय रहते ग्राम विकास अधिकारी अखिलेश कुमार शुक्ल व अन्य भ्रष्टाचारियों के ऊपर कार्यवाही नहीं की गयी तो माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा इस आशय से खटखटाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा कि अखिलेश शुक्ल अपने सेवाकाल के दौरान जहाँ भी कार्यरत रहे हैं वहाँ पर हुए विकास कार्यों का सत्यापन किसी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में करायी जाए ।
रिपोर्टर-अफ़ज़ाल क़ुरैशी-बस्ती