गोरखपुर-बार बार हाथ में दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास पहुंचने वाले एक व्यक्ति का डॉक्टर साहब ने हाथ ही काट दिया। जब पूछा गया तो डॉक्टर साहब का जवाब था कि जब हाथ ही नही रहेगा तो दर्द कहाँ होगा।
कुछ इसी तर्ज पर रेती से लेकर घण्टाघर तक लगने वाली मंगलबाज़ार को जाम का कारण बताते हुए पुलिस ने रोक लगा दिया है।
बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के किये गए इस फैसले से सैकड़ो बेरोजगारों पर पड़ा असर
मंगलवार को सुबह ही पुलिस के वाहन हूटर बजाते हुए मंगलबाज़ार वाली सड़कों पर मुनादी करते नज़र आये।
आपको बता दें कि अभी कुछ साल पहले ही साप्ताहिक बाज़ार का ये ट्रेंड लखनऊ से गोरखपुर पहुंचा था।
लखनऊ में लगने वाले बुधबाजार की तर्ज़ पर गोरखपुर में भी मंगलबाज़र का सिलसिला शुरू हुआ था।
बुधवार को लखनऊ में लगने वाली बाज़ार रुट का बाकायदा डाइवर्जन होता है।
चूंकि रेती घण्टाघर क्षेत्र में मंगलवार साप्ताहिक बंदी का दिन होता है इसलिए मंगल को ये विशेष बाज़ार लगता था।
इस बाज़ार से सैकड़ों बेरोजगारों को रोजगार मिलता था लेकिन पुलिस के एक फरमान ने सैकड़ों रोजगार एक झटके में छीन लिया।
यहां जो लोग फुटपाथ पर अपनी दुकानें लगाते थे वो सस्ता समान बेच कर भी बहुत अच्छा मुनाफा कमा लेते थे ।
इस सम्बंध में सीओ कोतवाली ने बताया कि स्थानीय व्यवसायियों और जनता की शिकायत थी की मंगलबाज़ार के कारण भयंकर जाम लगा जाता था ।
जनता को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए इस बाज़ार पर रोक लगायी गईं है। वैकल्पिक व्यवस्था के सवाल पर उन्होंने बताया कि ये लोग बन्धुसिह पार्क में दुकानें लगा सकते हैं।
बाहरहाल रोजगार के अधिक से अधिक अवसर जुटाने के लिए इन्वेस्टर सम्मिट जैसा सफल इवेंट आयोजित कर लाखों रोजगार के दरवाजे खोलने वाली प्रदेश की सरकार के मुखिया के अपने शहर में वैकल्पिक व्यवस्था किये बगैर लिए गए फैसले से एक झटके में सैकड़ों बेरोजगार हो गए।
रिपोर्टर-सेराज अहमद क़ुरैशी-गोरखपुर