*एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित होगा गोरखपुर जं रेलवे स्टेशन, मिलेगी आधुनिक सुविधाएं*
*गोरखपुर स्टेशन का प्रस्तावित पुनर्विकास 2 साल में होगा पुरा*
*गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे महाप्रबंधक चंद्रवीर रमण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से साझा किया गोरखपुर "सेंट्रल सिटी का मॉडल"*
गोरखपुर । पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय गोरखपुर महान हिन्दू सन्यासी एवं महायोगी गुरु गोरक्षनाथ के मंदिर के लिये विख्यात है। मकर संक्रान्ति के अवसर पर यहाँ एक विशाल मेला लगता है। गोरखपुर में रामगढ़ताल झील अपने प्राकृतिक सौंदर्य एवं यहाँ नवनिर्मित ड्राइववे अपनी अद्भुत छटा के लिये प्रसिद्ध है। यहीं से बौद्ध पर्यटक केन्द्र कुशीनगर एवं लुम्बिनी जाते हैं।
15 जनवरी, 1885 को सोनपुर से मनकापुर तक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया। वर्ष 1886 में गोरखपुर से उस्का बाजार लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर जं. स्टेशन बना। वर्ष 1981 में छपरा से मल्हौर तक का जामान परिवर्तन पूर्ण हुआ और गोरखपुर जं. बड़ी लाइन के माध्यम से देश के अन्य महानगरों से जुड़ा। वर्ष 2004 में यहाँ दोहरीकरण का कार्य सम्पन्न हुआ। समय के साथ गोरखपुर जं. स्टेशन पर गाड़ियाँ एवं प्लेटफॉनों की संख्या में वृद्धि हुई और स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य अपरिहार्य हो गया। गोरखपुर ज. स्टेशन का यार्ड रिमॉडलिंग 06 अक्टूबर, 2013 को पूर्ण हुआ। इसी के साथ गोरखपुर जं. स्टेशन का प्लेटफॉर्म विश्व का सबसे लम्बा प्लेटफॉर्म बना था। इस प्लेटफॉर्म की लम्बाई 1355.40 मीटर है तथा रैम्प के साथ इसकी लम्बाई 1366,33 मीटर है। इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के विश्व रिकॉर्ड में स्थान मिला था। गोरखपुर जं स्टेशन पर कुल 10 प्लेटफॉर्म है।
यह स्टेशन गोरखपुर जनपद की लगभग 44.5 लाख की आबादी सहित निकटवर्ती जनपदों एवं नेपाल क्षेत्र के लोगों को भी अपनी सेवायें दे रहा है तथा प्रतिदिन लगभग 93,000 यात्रियों का आवागमन होता है। गोरखपुर जं. स्टेशन का पुनर्विकास आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया
जायेगा। उस समय गोरखपुर जं. स्टेशन पर यात्री आवागमन लगभग 1,88,000 प्रति दिन होगा। वर्तमान में गोरखपुर जी स्टेशन के उत्तरी छोर पर मेडिकल कॉलेज, पादरी बाजार आदि क्षेत्र है तथा दक्षिणी छोर पर नगर का बड़ा भाग, पूर्वी छोर पर नन्दानगर, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तथा पश्चिमी छोर पर सूरजकुण्ड, तिवारीपुर एवं श्री गोरक्षनाथ मंदिर क्षेत्र आदि अवस्थित है।
गोरखपुर जं. स्टेशन का प्रस्तावित पुनर्विकास
• रूफ प्लाजा फूड आउटलेट, वेटिंग हॉल, ए.टी.एम. एवं किड्स प्ले एरिया का प्रावधान।
• 06 मीटर चौड़े दो अतिरिक्त पैदल उपरिगामी पुल (एफ.ओ. बी.)।
● आगमन / प्रस्थान के लिये अलग व्यवस्था ।
• मल्टी फंक्शनल कॉम्प्लेक्स का प्रावधान।
• होटल का प्रस्ताव ||
• वाणिज्यिक केन्द्र / शॉपिंग मॉल का प्रावधान।
• सेन्ट्रल मॉल।
• सर्कुलेटिंग एरिया में ग्रीन पैच ।
• कामर्शियल ब्लॉक / बजट होटल
• पैदल आवागमन के लिये छाजनयुक्त पाथ-वे फ्यूचर मेट्रो स्टेशन एवं बस स्टेशन से कनेक्टिविटी
मोटो जी 5जी पर शूट किया गया
31 मार्च 2023, दोपहर 2:41 बजे
विजन
● स्टेशन परिसर में कान्जेशन फ्री प्रवेश एवं निकास।
• यात्रियों के आने एवं जाने के लिये अलग-अलग पाथ।
• कॉन्फोर्स क्षेत्र में पर्याप्त जगह का प्रावधान।
• वाणिज्यिक विकास ।
• आवागमन के अन्य साधनों की उपलब्धता ।
स्टेशन की प्रस्तावित डिजाइन
गोरखपुर जं. स्टेशन के पुनर्विकास हेतु प्रस्तावित डिजाइन में स्थानीय सांस्कृतिक विरासत एवं वास्तुकला को समाहित किया जायेगा। अतएव गोरखपुर जं. स्टेशन के प्रस्तावित डिजाइन में स्थानीय संस्कृति की झलक मिलेगी।
वर्तमान में मुख्य स्टेशन भवन का निर्माण 5,865 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 720 वर्ग मीटर में किया गया है। प्रस्तावित स्टेशन का निर्माण 17.900 वर्ग मीटर एवं द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण 7,400 वर्ग मीटर में किया जायेगा।
प्रस्तावित कॉन्कोर्स 6,300 वर्ग मीटर बनाया जायेगा जहाँ 3,500 व्यक्ति एक साथ बैठ सकते हैं।
कार, टू कीलर्स, थ्री व्हीलर्स की पार्किंग क्षमता 427 ई.सी.एस. है, जबकि प्रस्तावित पार्किंग क्षमता
830 ई.सी.एस. है।
• 10,800 वर्ग मीटर में कॉन्कोर्स।
06 मीटर चौड़ाई के 02 अतिरिक्त एफ.ओ. बी. । • रूफ कवरिंग एरिया 31,000 वर्ग मीटर।
• एस्केलेटर-21
• 300 वर्ग मीटर में टिकट खिड़कियों।
• प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन एवं बस स्टेशन से स्काई वॉक मार्ग से लिंक।
गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे महाप्रबंधक चंद्रवीर रमण ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हम लोगों ने गोरखपुर सेंट्रल सिटी का मॉडल के प्रारूप को डिसकस किया। यहां तक उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार से जो भी सहायता चाहिए बताइएगा हम लोग उसको पूरा करने में मदद करेंगे।