बस्ती/उत्तर प्रदेश- कृषि विज्ञान केन्द्र पर विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० डी० के० श्रीवास्तव ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के नेतृत्व में, विश्व पर्यावरण दिवस हर साल पांच जून को पर्यावरण पर खतरे के बारे में जागरूकता बढ़ाने और बेहतर भविष्य बनाने में मदद करने के लिए वैश्विक स्तर पर लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। पर्यावरण दिवस 2022 की थीम “बीट द प्लास्टिक “ है। इसका मतलब “प्लास्टिक के उपयोग को कम करना है“ है।
वैज्ञानिक डा० वी०बी० सिंह ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आज पृथ्वी संकट के दौर से गुजर रही है। पर्यावरण के हालात बेहतर नहीं कहे जा सकते। हवा जिसने हर पल जीवन को साधा हुआ है।
उसी हवा को आज मनुष्य ने इस हालात में पहुंचा दिया है कि प्रत्येक देश किसी न किसी रूप में प्रदूषण की चपेट में है। यदि हमें जीवित रहने के लिए शुद्ध वायु चाहिए तो मोटर-गाड़ियों का प्रयोग कम करना होगा। अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाने होंगे और हमें वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में स्वावलंबन बढ़ाना होगा। ऊर्जा के लिए जंगल काटने के बजाय फिर से बसाने होंगे।
वैज्ञानिक हरिओम मिश्र ने बताया कि जल,जंगल और जमीन,इन तीन तत्वों के बिना प्रकृति अधूरी है। विश्व में सबसे समृद्ध देश वही हुए हैं, जहां यह तीनों तत्व प्रचुर मात्रा में हों। हमारा देश जंगल,वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध है।
घर के आसपास पौधारोपण करें। इससे गर्मी,भूक्षरण, धूल इत्यादि से बचाव कर सकते हैं। पक्षियों को बसेरा भी दे सकते हैं। प्रगतिशील कृषक अखिलेश पाण्डेय ने प्राकृतिक खेती की तकनीक के बारे में जानकारी साझा की।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर केंद्र पर फलदार पौधे लगाए गये। सभी प्रगतिशील किसानों के बीच अमरूद का पौधा वितरित किया गया। मौके पर अहमद अली, योगेन्द्र सिंह, श्रीमती सीमा,राजेन्द्र सिंह, दिलीप सिंह सहित 150 प्रगतिशील किसान कार्यक्रम में हुए सम्मिलित ।
रिपोर्टर/अफ़ज़ाल क़ुरैशी-बस्ती